कोयला माफिया गणेश जी का सिंडीकेट एक बार पुनः हुआ सक्रिय ।अलकडीहा-लोदना में डंके की चोट पर दोनों हाथ से लूट रहा “काला हीरा सैकड़ों की संख्य में मजदूर के माध्यम माइंस से निकालते अवैध कोयला।
आपको बता दे एक कहावत तो आपने सुनी होगी मोर सैया हवलदार तो डर कहे का ।इसी कहावत को चरितार्थ कर रहा गणेश जी का सिंडीकेट ।
बताते चले कि कोयला माफिया गणेश जी का सिंडीकेट एक बार पुनः सक्रिय सक्रिय हो गया है और अलकडीहा-लोदना में डंके की चोट पर दोनों हाथ से लूट रहा अवैध कोयला ।
बताते चले कि झरिया क्षेत्र की भौगोलिक बनावट,प्रकृति द्वारा दिया गया काला हीरा का अकूत भंडार “गणेशी” के लिए सहायक साबित हो रहा है।
इन दिनों झरिया कोयलांचल का हुचक टांड़, जयरामपुर, अलक डीहा, पार बाद, लोदना गणेशी का रिजर्व चारागाह बना है। बस्ती के बस्ती महिला,पुरुष गणेशी सिंडीकेट के गुर्गे हैं जो बंद खदान, रेलवे यार्ड और समीप के आउट सोर्सिंग से कोयला टपा अलग अलग जगह पर जमा कर देते हैं। जहां से कोयला माफिया गणेशी जी उक्त कोयला को ट्रकों के माध्यम से गोबिंदपुर या सुदाम डीह के रास्ते बंगाल में खपा देता है।
इतिहास गवाह है गणेश जी सिंडीकेट की इतना दबदबा है कि कोई भी लूट के काम में बाधा डालने वालों पर बस्ती वाले हमला तक कर देते हैं। इस क्षेत्र की भौगोलिक बनावट ऐसी है कि बाहरी राहगीरों का इधर आना जाना नहीं होता। चारों ओर ओवर बर्डन का पहाड़ या गहरी खदान है। पुलिस और CISF का पेट्रोलिंग यदा कदा इस क्षेत्र में नजर आता है लेकिन उन्हें कोयले की लूट नजर नहीं आती।जिसका फायदा गणेश जी को होता है । बताते चले कि एक समय था जब धनबाद कोयलांचल में एसएसपी संदीप सिंह के समय कोयला माफिया की बल्ले बल्ले थी दोनों हाथों से कोयला माफिया अवैध कोयला लुटने में लगे थे जैसे ही धनबाद में नए एसएसपी पी जनार्दन की इंट्री हुई कोयला माफिया में हड़कंप मच गया और अवैध कोयला चोरी पर अंकुश लग गया था और लोगो को भी लगा कि अब कोयलांचल में अवैध उत्खनन में मजदूरों की मौत नहीं होगी और कोयला चोरी नहीं होगा लेकिन समय के अनुसार सब धीरे धीरे मैनेज हो गया आज फिर से पहले की तरह स्थिति हो गई और कोयला माफिया दोनों हाथों से कोयले की लूटने में लगे है । और स्थानीय पुलिस चुप्पी साधे तमाशबीन बनी बैठी है ।