धनबाद कोयलांचल में एक बार फिर कोयला माफिया हुए सक्रिय। डंके की चोट पर सुरु हो गई अवैध कोयले का कारोबार।
फिर से खुल गए बंद मुहाने, हजारों बोरिया कोयला निकाली जा रही है । भरी संख्या में मजदूर लगे है कोयले की निकासी में
लगता है वर्दी वाले भगवान ने सुन ली कोयला माफियाओं का फरियाद ।
आपको बता दे की धनबाद कोयलांचल में एक बार फिर से कोयला माफिया सक्रिय हो गए है। और डंके की चोट पर सुरु हो गई कोयले की चोरी। कोई रेलवे साइडिंग से तो कोई बंद अवैध मुहाने से हजारों बोरी कोयला निकाली जा रहा है । इस काम में भरी संख्या में मजदूर लगे हैं और कोयले की निकासी कर रहे है ।
लगता है वर्दी वाले भगवान ने इन कोयला माफियाओं का फरियाद सुन ली है l जिसकी वजह से कोयला माफिया एक बार फिर से डंके की चोट पर कोयला चोरी में लग गए हैं ।ये हम नही कह रहे हैं,ये जीता जागता तस्वीर सच्चाई वया कर रही है।
आपको बताते चले की धनबाद के पूर्व एसएसपी संजीव कुमार के कार्यकाल में कोयला माफियाओं का खूब बल्ले बल्ले था रात तो रात दिन के उजाले में भी कोयला चोरी खुलेआम हो रहा था ,लेकिन जैसे ही धनबाद में नए एसएसपी साहब की इंट्री हुई कोयला माफियाओं में हड़कंप मच गया था । कोयला चोरी पूर्ण रूप से बंद हो गया था । कोयला चोरी बंद होने से लोगो ने भी राहत की सांस ली थी । लोगो को लगा की अब धनबाद में ये साहब के रहते कोयला चोरी नही होगी । लेकिन लोगो की सोच गलत हो गई और एक बार फिर से कोयलांचल में कोयला माफिया सक्रिय हो गए । भरी संख्या में अवैध उत्खनन कर और अंगारपथरा रेलवे साइडिंग से कोयला निकला जा रहा है जिसका उदाहरण तस्बीरो में देख सकते है । तस्वीर देख कर लगता है वर्दी वाले भगवान ने कोयला माफियाओं की फरियाद सुन ली है।
बताते चले की कोयले के अबैध कारोबार सुरु होने से कुछ हफ्ते पूर्व ही माफियाओं ने बंद मुहाने की विधिवत पूजा पाठ करके रेडी थे । इंतजार था तो बस वर्दी वाले भगवान के आदेश की । माफियाओं का वो भी मनोकामना पूरा हो गया ।
बताते चलें कि कोयलांचल में एक तरफ चुनावी सरगर्मी तो दूसरी तरफ अवैध कोयला कारोबारियों का जखीरा।
बाघमारा से रोहित यादव सिजुआ श्याम बाजार से सुनील शेख़ यादव सिंह के अलाव झरिया गोबिंदपुर निरसा सहित हर क्षेत्र में कारोबारी अपना अवैध कोयला कारोबर में जुट गए हैं । बताते चले की अवैध कोयले का कारोबार में अंगार पथरा साइडिंग श्याम बाजार के कोयला कारोबारी के लिए वरदान साबित हो रहा है । दिन के उजाले में ही कोयल का उठाव शुरू रहती है । जबकि लगभग 100 गज की दूरी पर सीआईएसफ का कैंप भी है जहां राष्ट्रीय संपदा के सुरक्षा देने के लिए जवान मुस्तैद रहते हैं । बावजूद अवैध कोयले के कारोबारी पर कोई फर्क नहीं पड़ता।
अब देखना है क्या कोयलांचल में फिर से वही स्थिति हो जाएगी जहा कोयला माफिया पहले की तरह बल्ले बल्ले थे । या इन माफियाओं पर लगाम लगेगा। बता दे की इस अबैध कारोबार से कही ना कही सरकार की राजस्व की भारी छाती हो रही इस पर ना तो जिला पुलिस और ना ही खनन बिभाग संज्ञान ले रही शायद इसलिए कोयला माफिया का बल्ले बल्ले है।