जामताड़ा के बाद साइबर अपराधियों का हब बना झरिया शहर। ऑनलाइन गेम के माध्यम होता है साइबर ठगी का कारोबार।
आपको बता दे कि जामताड़ा के बाद अब साइबर अपराधियों का हब बन गया है झरिया शहर में इन दिनों ऑनलाइन गेम के माध्यम नव युवक कर रहे साइबर ठगी का कारोबार। बताते चले कि सायबर अपराध के मामले में झारखंड के जामताड़ा को जहां पहले साइबर क्राइम करने वालों का गढ़ माना जाता था। लेकिन समय के साथ अब साइबर अपराधियों ने अपना दायरा ओर बढ़ाते हुए कई दूसरे शहरों मे अपनी जमीन तलाशनी शुरू कर दी है। बता दे कि झारखंड पुलिस की नजर से बचने के लिए साइबर अपराधी अब दुसरे छोटे छोटे शहरों के युवाओं को ट्रेनिंग देकर अपना नेटवर्क फेला रहे है। धनबाद जिला का झरिया शहर भी सायबर अपराधियों का सेफ जोन बन चुका है।
पश्चिम बंगाल, छत्तीस गढ़, उत्तर प्रदेश यहां तक की दिल्ली पुलिस द्वारा भी छापेमारी कर कई साईबर अपराधियों को झरिया से दबोचा जा चुका है । बावजूद इसके कम समय मे शॉर्ट कट तरीके से पैसे कमाने की ललक मे कई नव युवक अपने भविष्य को अंधकार मे धकेल रहे है।
सूत्रों की माने तो शहर के कुछ इलाकों मे फर्जी ऑनलाइन गेम के माध्यम से साइबर ठगी का कारोबार धड़ेले से संचालित हो रहा है। अब तो आलम यह है की झरिया बाजार के मुख्य चौक चौराहों, चाय और पान के गुमटियों मे भी सुबह शाम साइबर ठगो की चर्चाएं होनी शुरू हो गई है। इतना ही नहीं झरिया के कई यूवा सोशल मीडिया पर पोस्ट कर धनबाद पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों से कारवाई करने की मांग तक कर रहे है। चर्चा है की शिव मंदिर रोड, बनियाहिर, फुलारीबाग , नई दुनिया मोहल्ला,बस्ताकोला, धर्मशाला रोड , रामचंद्र दल पोद्दार पड़ा मोहल्ला,कतरास मोड़ समेत कई क्षेत्रों मे इस क्राइम के बेताज बादशाह बन कर बैठे है।
बता दे कि सायबर के मास्टर माइंड युवाओं को रातों रात अमीर बनने की लालसा के चलते मोबाइल फोन पर ऑनलाइन गेमिंग के जरिए बिना मेहनत किए करोड़पति बनने का सपना दिखा युवाओं का समय व धन बर्बाद कर रहे हैं। युवाओं को ऑनलाइन गेमिंग के जरिए जुए की लत लगा रहे है। थोड़े समय में ज्यादा पैसे कमाने के लालच में कई युवा ऑनलाइन गेमिंग शिकार बन रहे है। वही जुआ खिलाने वाले सिंडिकेट मालामाल हो रहे है। लोगों से मिली जानकारी के अनुसार दूसरे राज्यों मे बैठे सरगनाओं द्वारा नए नए युवकों को बकायदा ट्रेनिंग तो दी जाती । बावजूद अब युवाओं की सायबर अपराध करने की ट्रेनिंग झरिया में भी शुरू हो चुकी है । जो सप्ताह में दो दिन रात के अंधेरे में युवाओं को एक बंद कमरे में प्रशिक्षण दिया जाता है ।
प्रशिक्षण के बाद उन्हें ऑनलाइन गेम का लॉगिन कोड देकर वापिस भेज दिया जाता है। कोड मिलने के बाद वापिस लोटे गेमर्स क्षेत्रीय स्तर पर अपना सिंडीकेट तैयार कर युवाओं को लग्जरी लाइफ स्टाइल, स्टाइलिश बाइक, महंगे मोबाइल पाने की हसरत का सपना दिखा ऑनलाइन गेमिंग के जाल मे फांसने का काम शुरू कर देते है। गेमर्स के द्वारा इन दिनों प्रतिबंधित ऑनलाइन गेम के झासे में लोगों को फंसाने के लिए कई इलेक्ट्रॉनिक गैजेट का इस्तेमाल किया जाता है। जिससे पलक झपकते लोगों का अकाउंट खाली हो जाता है और उन्हें खबर भी भी नहीं लगती है। गेमर्स द्वारा युवकों को मोटी रकम देकर नए नए नाम से खाता खुलवाते है। काम हो जाने के बाद उस खाते को फिर्ज कर दिया जाता है ताकि पुलिस को भनक नहीं लगे। वही सूत्रों ने बताया की क्षेत्र मे ऐसे कई ऑनलाइन जुआ खिलाने वाले गेमर्स है जिनके पास कुछ महीनो पूर्व खाने का पैसा का जुगाड नही होता था। खस्ता हाल मे जीने वाले ऐसे गेमर्स के पास आज महंगी गाड़ियां , जिला के पॉश इलाकों मे फ्लैट तक है। जिला पुलिस और साइबर पुलिस को इसपर संज्ञान लेकर कारवाई करने की आवस्कता है। हालाकी झरिया पुलिस द्वारा समय समय पर कारवाई भी की जाती है। 22 जून 2024 को ऑनलाइन गेमिंग के जरिये करोड़ों रुपए की ठगी करने वाले तीन युवकों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था। इस दौरान विभिन्न बैंकों का एटीएम, डेविड कार्ड-13, फर्जी सिम 12, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया का पासबुक-01, चेकबुक-01, फोन पे का क्यूआर कोड-02, आधार कार्ड -01, पैन कार्ड-01, स्मार्ट मोबाइल फोन-5 जब्त किये गये थे।पुलिसिया जांच में अभियुक्तों के खाता से करीब एक करोड़ से अधिक के लेनदेन का प्रमाण भी मिला था। वही पश्चिम बंगाल के कल्याणेश्वरी फाड़ी पुलिस ने 16 जुलाई 2023 की शाम नाका चेकिंग के दौरान झरिया के दो सायबर अपराधियों को पकड़ा था. पकड़े गए अपराधियों में एक ऐना कोलयरी क्षेत्र के इमामबाद और दूसरा इंडस्ट्री कोलियरी का रहनेवाला के रूप में पहचान हुई थी. इन दोनों साइबर अपराधियों के पास से पुलिस ने 21 डेबिट कार्ड, आठ स्मार्ट फोन, 52 हजार नकद और एक बाइक को जब्त किया था। 18मार्च 2024 को साइबर ठगी मामले में छत्तीसगढ़ पुलिस की पांच सदस्य टीम ने झरिया पुलिस के सहयोग से नई दुनिया में छापामारी कर साइबर ठगी के तीन आरोपी अमित साव, मनीष सिंह एवं आकाश कुमार को धर दबोचा था । तीनों आरोपियों को पुलिस अपने साथ छत्तीसगढ़ के कोरिया जिला के बैकुंठ थाना ले गई थी।आरोपियों के पास से कई दस्ताबेज व बैंक एटीएम बरामद किया था। साइबर ठगी के मामले में बस्ताकोला दोबारी बस्ती में 5 अप्रैल 2021 को दिल्ली साइबर थाना की तीन सदस्यीय टीम ने झरिया पुलिस के साथ छापेमारी की थी लेकिन समय से पूर्व साइबर अपराधी फरार हो जाने के कारण दबोच नही सका।बावजूद इसके ठगी का कारोबार बदस्तूर जारी है।
जानिए ऑनलाइन गेम के माध्यम से कैसे होता हे ठगी ।
बताते चले कि ऑनलाइन गेम खिलवाने वाली कंपनियों के लुभावने विज्ञापन सोशल मीडिया में दिखाकर लोगों को जल्द ही मोटी रकम जीतने का लालच देकर अपने गेमिंग ऐप पर रजिस्टर्ड करवाते है.उसके बाद जो भी व्यक्ति ऑनलाइन गेम खेलता है उसे छोटी छोटी रकम जीत का लालच देते है ।.जब सामने वाला व्यक्ति छोटी रकम जीतने के बाद बड़ी रकम को गेम में इन्वेस्ट करता है तो उसे इस गैंग के हरा देते है. पूरे गेम का कंट्रोल इस गैंग के लोगों के पास रहता है.यही जनता पब्लिक की तरफ से जो मैच खेलता है उसके सामने गेम खेलने वाला इसी गैंग के मेंबर रहते है.गेम के दौरान पैसे हारने वाला आम व्यक्ति यही सोचता है कि उससे सामने की तरफ से जिस व्यक्ति ने हराया है वो भी उन्हीं के जैसा कोई आम व्यक्ति होगा जबकि वो व्यक्ति कोई दूसरा नहीं होता है बल्कि इसी गैंग का मेम्बर रहता है.जिसे गिरोह के लोग मास्टर सिस्टम के जरिये जिता देते है और आम व्यक्ति जो पैसे लगाता था उसे हार का सामना करना पड़ता है।बताते चले कि इस सायबर क्राइम में पुराने एटीएम का भी इस्तेमाल किया जाता है जिसका सौदा लाखों में होती है । इस तरह की अपराध का नेटवर्क बहुत बड़ा होता है जिसको समझना प्रशाशन के समझ से भी परे है ।