कांग्रेस पार्टी के नेताओं और पदाधिकारियों ने अपने प्रत्याशी के खिलाफ भीतरघात करने के आरोप में कांग्रेसी नेताओं और पदाधिकारियों पर गाज गिरना शुरू हो गया ।
आपको बता दे की एक कहावत तो आपने सुनी होगी । हमे तो अपनो ने लुटा गैरो में कहा दम था । मेरी कश्ती थी डूबी वहा जहा पानी ही काम था । इसी कहावत को चरितार्थ किया कांग्रेस के नेताओं और पदाधिकारियों ने
आपको बता दे की चुनाव परिणाम आने से ठीक पहले अखिरकार वहीं हुआ जिसका उम्मीद की जा रहीं थी ।पार्टी के भीतर अपने प्रत्याशी के खिलाफ भीतरघात करने के आरोप में पार्टी नेताओं और पदाधिकारियों पर गाज गिरना शुरू हो गया ।
बता दे की धनबाद जिला कांग्रेस ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए बड़ी कार्रवाई करते हुए 09 नेताओं को 06 वर्ष के लिए निस्काषित कर दिया है। इसमें पहला ललन चौबे दूसरा मनोज कुमार सिंह तीसरा राजीव रंजन चौबे चौथा उमाचरण महतो पांचवा रामचंद्र शर्मा छठा रामप्रवेश शर्मा सातवा कृट भूषण रूज आठवां मुकेश राणा और नौवा जगदीश साव..शामिल है।
कांग्रेस जिलाध्यक्ष संतोष कुमार सिंह ने पत्र जारी करते हुए लिखा है कि धनबाद लोकसभा चुनाव में आपके क्रियाकलाप से कांग्रेस पार्टी की छवि धूमिल हुई है। और आपने पार्टी में रहकर पार्टी विरोधी कार्य किया है अतः आपको भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के संविधान के नियम के तहत कांग्रेस पार्टी से 6 वर्ष के लिए निष्कासित किया जाता है।
वही कांग्रेस जिलाध्यक्ष संतोष कुमार सिंह ने कार्रवाई की अनुशंसा पत्र की कॉपी कांग्रेस प्रदेश प्रभारी गुलाम अहमद मीर,प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ,कांग्रेस के धनबाद प्रभारी चन्द्रशेखर शुक्ला ,झारखण्ड प्रदेश कांग्रेस अनुशासन समिति के चेयरमैन ,ब्रिजेन्द्र प्रसाद सिंह को भेजा है।
बता दे की कांग्रेस के जिन नेताओं को निष्कासित किया है उसमें ललन चौबे पहले ही कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए थे..ललन चौबे को पूर्व सांसद ददई दुबे के करीबी माना जाता है। नेताओं ने हाल के दिनों में ना सिर्फ अपने प्रत्याशी के खिलाफ बयानबाजी किया था बल्कि कार्रवाई का परवाह किए बिना विरोधियों के पक्ष में काम किया है।
बताते चले की कांग्रेस से पहले मामूली कार्रवाई बीजेपी में भी हुई थी। जब 25 मई मतदान होने के ठीक पहले बीजेपी के प्रदेश संगठन मंत्री आदित्य साहू ने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के आदेश पर बीजेपी के हजारीबाग सांसद जयंत सिन्हा और धनबाद विधायक राज सिन्हा समेत धनबाद लोक सभा के पांच मंडल अध्यक्षों को प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार कार्य नहीं करने का आरोप लगाते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया था । और 48 घंटे के भीतर शो कॉज का जवाब मांगा था । जिस पर सांसद विधायको के साथ मंडल अध्यक्षों ने पार्टी को सफाई भेजते हुए अपना बचाव किया और बताया कि किस प्रकार वे तन मन से पार्टी के प्रति समर्पित हो कर काम करते रहें है ।